और
जहां हो जाता है सब भक्तो का बेड़ा पार
मैं यहां पर कई बार जा चुका हूं लेकिन जब मैं यहां पर पहली बार गया था तो मुझे यहां के बारे में ज्यादा नॉलेज नहीं थी।मैंने बस पहले सोच रहा था कि वहां पर लोग
तू मुझे यहां पर बड़ा मतलब डरावना थोड़ा अजीब लगा था लेकिन यहां तो सब बाबा की कृपा चलती है।
यहां तो सब बाबा की मेहरबानी है।
हनुमान चालीसा में एक लाइन कही गई है ।
भूत पिशाच निकट नहीं आवे महावीर जब नाम सुनावे
यह लाइन मेहंदीपुर बालाजी के लिए ही बोली गई है यहां पर भूत प्रेत ऊपरी बाधा हवा चक्कर वाले लोग बहुत आते हैं । जो कहीं ठीक नहीं होते वह बाबा के दरबार में आकर ठीक हो जाते हैं । यहां पर प्रेतराज महाराज की अदालत हर दिन लगती है।
मैं सबसे पहली बार मेहंदीपुर बालाजी अपने भैया के साथ गया था ।
मैं बहुत उत्साहित था, बालाजी जाने के लिए मैंने पहले सिर्फ सुना था वहां के बारे की बहा हनुमान जी का मंदिर है जिन्हें हम बालाजी महाराज बोलते हैं।
हम चार लोग गए थे दो बड़े भाई थे एक मैं था और एक मुझसे छोटा भाई था।
हम लोग बदायूं जिले में रहते हैं जो उत्तरप्रदेश में पड़ता है।
हम लोग अपनी निजी गाड़ी से जा रहे
हम लोग बदायूं से सुबह 9:00 बजे निकले हमारा पहला स्टॉप मथुरा और उसके बाद सीधा मेहंदीपुर बालाजी पहुंच गए ।
हमारे हमारे वहां से मेहंदीपुर बालाजी 290 या 300 किलोमीटर लगभग होगा सो 6 से 7 घंटे में पहुंचने में लग जाते हैं ।
मेहंदीपुर बालाजी भरतपुर और जयपुर वाले हाईवे पर पड़ता है हाईवे से थोड़ा अंदर जाना पड़ता है मंदिर के लिए लगभग 1 किलोमीटर
मेहंदीपुर से जयपुर 109 किलोमीटर रह जाता है
हाय पहुंचते-पहुंचते शाम हो गई थी लगभग 4:00 बज गए होंगे ।
हमने वहां रुकने के लिए सबसे पहले होटल देखना स्टार्ट किया पर होटल ज्यादा महंगी नहीं है नॉर्मल रेट में अच्छे होटल मिल जाते हैं और यहां के होटल में एक बात और अच्छी है कि बहा पे होटल में ही थाली का रेट मिल जाते हैं 60-70 रुपए में भरपूर पेट खाना मिल जाता है
हम लोगो ने होटल लिया और काउंटर से 4 टोकन लिए खाने के
और फिर हम सब रूम में जाके आराम करने लगे
शाम को 8 या 8:30 को खाना खाने का बुलावा आ गया मुझे बहा का खाना बहुत पसंद है
पूरा शुद्ध खाना मिलता है वहां और जमीन पर बैठा कर बड़े प्यार से खिलाया जाता है
खाना खाने के बाद हम लोग सो गए और सुबह 4 बजे उठ के जल्दी तैयार होकर मंदिर को जाने लगे
बहा जाके लाइन में लगे तो बहा पहले से काफी लंबी लाइन लग चुकी थी
हम लोग सुबह 5 बजे लाइन में लग गए और 8:30 बजे दर्शन करने को मिले
बहा बहुत ज्यादा भीड़ रहती है हर मौसम में
और वहां घूमते हुए मालूम पड़ा कि वहां पर तीन पहाड़ भी घूमने के लिए जगह है वहां पर भी एक मंदिर है फिर हम लोगों ने तीन पहाड़ जाने का प्लान किया
और चल पड़े बहा काफी अच्छी लोकेशन थी हमने काफी फोटो क्लिक की उस जगह पे ।
वहां पे कुछ लोग ऊंट से भी जा रहे थे हमने ऊंट का रेट लिया तो 500 रुपए मांग रहा था जो हमें ज्यादा लगे तो हम लोग पैदल ही गए वहा पे रास्ते में काफी मंदिर पड़े
और घूमते घूमते वापस रूम पे आ गए
मंदिर के कुछ तथ्य
1-बालाजी जाने से कम से कम 10 दिन पहले से लहसुन प्याज में ठंडा यह सारी चीजें छोड़नी होगी
2-बालाजी महाराज के वायी हृदय में एक छेद है जिसमें से निरंतर पानी बहता रहता है
3-बालाजी महाराज का प्रसाद कभी भी अपने घर नहीं लाना चाहिए जो प्रसाद मिलता है उसे स्वयं ही खाना चाहिए
4-बालाजी महाराज की सुबह और शाम की आरती के बाद के छीटें अवश्य लेने चाहिए
5-बालाजी मंदिर में 3 दिनों की पूजा होती है हनुमान जी प्रेतराज महाराज और भैरव नाथ जी
6-बालाजी महाराज से कोई भी खाने की चीज अपने घर पर नहीं लाएं उसे बालाजी महाराज की वहीं छोड़कर आए
केसे पहुंचे
इसका सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन बांदीकुई है
जहां से काफी मैन शहरों से यहां पर ट्रेन मिल जाती है बरेली कानपुर दिल्ली ईटीसी मिल जाती है या आप उसे जयपुर आ सकते हैं फिर जयपुर से 100 किलोमीटर रह जाता है मेहंदीपुर धाम
अगर किसी भी व्यक्ति को भूत प्रेत संबंधी कैसी भी कोई दिक्कत है तो वह एक बार प्रेतराज महाराज के वहां जाकर देखे उसे जरूर लाभ मिलेगा और ऐसे बहुत से लोग मिल जाएंगे जिन्हें वहां से फायदा हुआ है वहां पर काफी भीड़ रहती है और हमेशा ही में ऐसे लोग देखने को मिल जाते हैं जो वाहा से काफी ठीक हो कर गए हैं
7 टिप्पणियाँ
Supar
जवाब देंहटाएंSupar
जवाब देंहटाएं🚩🚩🙏🙏🚩🚩
जवाब देंहटाएंअद्भुत अनुभव
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंLyrics RessoThanks for sharing this great article. Thanks alot
जवाब देंहटाएंGood 👍
जवाब देंहटाएंIf you any doubt please let me know