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किसान का बेटा - अधूरी ख्वाहिश

एक गांव में एक किसान रहता था ।उसका एक बेटा था, जो बहुत ज्यादा मेहनती था और  वह पूरे दिन काम करता रहता था

उसके पापा उस खेत में सब्जियों उगाते और वह गांव में जा जाकर सब्जियां बेचता था
ऐसे ही उसकी दिनचर्या चल रही थी
लेकिन वह हमेशा सोचता कि उसके पास एक घर हो गाड़ी हो
मैं सब्जी बेचने जो भी कमाता उसमें से कुछ पैसे दे अलग रखता था अपने सपने पूरे करने के लिए 

उसने इतने पैसे खट्टे कर लिए थे कि वह एक घर और एक गाड़ी आराम से ले सकता था
1 दिन किसान गई सब्जी बेचकर घर को वापस आ रहा था कि रास्ते में उसे चक्कर आ गए और उसका एक्सीडेंट हो गया वहां पर काफी ज्यादा भीड़ करती हो गई और उससे हॉस्पिटल में भेज दिया गया

जैसे ही यह बात उसके बेटे को पता चली बेटा फोन अपने पापा के पास आया और डॉक्टर से मिला डॉक्टर ने उसे बताया की ऑपरेशन करना पड़ेगा जिसमें 5 लाख का खर्चा आएगा 


उसके पास सिर्फ वही पैसे थे जो उसने अलग से इकट्ठे किए थे
अब उसकी एक तरफ अपनी इच्छा पूरी करने का मन था तो दूसरी तरफ अपने पापा को भी बचाना चाहता था

अब अब वह अपनी इच्छा को बचा सकता था या अपने पापा को 

वह पैसे  लेकर दौड़ते हुए हॉस्पिटल पहुंचा और डॉक्टर साहब को देते हुए बोला आप ऑपरेशन कीजिए बाकी सब मैं संभाल लूंगा

और उसके पापा ठीक हो गए
उसके पापा ने उसे एक उसके जन्म के बाद की बात बताई
कि तुम मेरी सगी औलाद नहीं हो
यह सुनकर लड़का चौक गया और बोला मैं आपका सगा बेटा नहीं हूं लेकिन आपके सगे बेटे से बढ़कर हूं क्योंकि आपने मुझे इस लायक बनाया
कि मैं दो रोटी कमा के खा सकु 

और इच्छा क्या है अच्छा तो मैं अपनी आगे भी पूरी कर सकता हूं अभी पूरी जिंदगी पड़ी है।।


शिवम् गुप्ता 

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