❤️ एक दिल छू लेने वाली प्रेम कहानी: "ख़ामोश मोहब्बत"
Setting: शिमला का एक छोटा पहाड़ी शहर
मुख्य किरदार: आरव और सिया
सिया… वो लड़की जो बारिश में भी धूप सी लगती थी। हर सुबह कॉलेज की कैंटीन के कोने में बैठकर कॉफी पीती और इयरफोन में कुछ सुनती रहती।
आरव… वो लड़का जो किताबों से ज़्यादा सिया की मुस्कान पढ़ता था।
वो हर रोज़ उसे देखता, बस देखता… कुछ कहे बिना।
"कभी-कभी मोहब्बत चुप रहती है... लेकिन बहुत गहरी होती है।"
☕ कॉफी और ख़ामोशी
एक दिन आरव ने हिम्मत जुटाई और कहा: "Hi… मैं आरव। तुम हर दिन यहां आती हो, कॉफी पसंद है?"
सिया मुस्कराई: "नहीं… शांति पसंद है।" और दोनों हँस दिए।
इसके बाद मुलाक़ातें शुरू हुईं… पर कोई इज़हार नहीं हुआ।
🌧️ एक मोड़
कॉलेज का आखिरी दिन था। सिया ने कहा: "कल मैं दिल्ली जा रही हूं। शायद हम दोबारा ना मिलें।"
आरव कुछ नहीं बोला। दिल में तूफान था… मगर ज़ुबान चुप रही।
📖 5 साल बाद...
आरव अब एक लेखक बन चुका था। उसकी पहली किताब का नाम था: "ख़ामोश मोहब्बत"
बुक कवर पर वही तस्वीर — एक लड़की, कॉफी और इयरफोन।
बुक लॉन्च के दिन… भीड़ में एक चेहरा ऐसा था जिसे देख आरव रुका — सिया!
सिया ने कहा: "तुमने सब कुछ किताब में कह दिया… पर मुझसे कभी कुछ नहीं कहा?"
आरव मुस्कराया: "अब कहूँ?"
सिया की आँखें भर आईं: "अब नहीं… अब तो सिर्फ सुनना है।"
❤️ अंत नहीं… एक नई शुरुआत
कुछ रिश्ते कभी खत्म नहीं होते… बस लौटने में वक्त लगता है।
~ समाप्त
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