यहां से काफी बड़े-बड़े नेता लोगों ने चुनाव लड़ा और जीता लेकिन बदायूं विकास की डोर ना मिल सकी और बदायूं उसको इतनी पहचान भी नहीं मिल पाई
यह सीट हमेशा से सपा के गढ़ में गिनी जाती है
यहां से मुलायम सिंह यादव और बीएसपी अध्यक्ष श्री मायावती जी ने भी चुनाव लड़े हैं और जीते हैं
लेकिन बदायूं का जो नाम होना चाहिए था वह उसको पहचान नहीं मिल पाई
इतिहास में भी बदायूं से काफी नाम रहा है
बदायूं का इतिहास
बदायूं जिला इतिहास में 1210 ईस्वी से 1214 इसवी तक दिल्ली सल्तनत की राजधानी रहा
बदायूं की स्थापना 905 ईस्वी में हुई थी कुछ लोग यह मानते हैं की 1175 ईस्वी में राजा अजयपाल ने इसको बसाया था
कुछ लोग लखनपाल को भी शहर बसाने का श्रेय देते हैं
कुछ शिलालेखों के अनुसार बदायूं को पहले बोदमायता के नाम से जाना जाता था लेकिन बाद में इसे पांचाल कहा जाने लगा
लेकिन अहीर राजकुमार बुध के नाम पर इसका नाम बदायूं पड़ा
बदायूं में भी काफी राजाओं ने राज किया था
अलाउद्दीन ने अपने अंतिम वर्ष बदायूं में ही बताए थे अब्दुल कादिर बदायूनी ने जो अकबर का एक महत्वपूर्ण दरबारी था उसने बदायूं को बहुत करीब से देखा और जाना
बदायूं की साक्षरता
बदायूं की साक्षरता 75 परसेंट बताई गई है विकिपीडिया पर
बदायूं जिले के कुछ प्रसिद्ध स्थल
भागीरथी घाट कछला
छोटे सरकार बड़े सरकार की दरगाह
जामा मस्जिद
बदायूं का किला या रोजा
1-भागीरथी घाट कछला
कछला को हम छोटा काशी भी बोल सकते हैं
काशी की तर्ज पर ही शाम की आरती होती है जो कि बहुत ज्यादा मनोरम होती है बहुत ज्यादा सुंदर होती है यहां पर पूर्णमासी और शिवरात्रि को और सावन के महीने में करोड़ों भीड़ जुटती है
यहां पर जो आरती करते हैं वह गुरुकुल के छात्र होते हैं
छोटे सरकार बड़े सरकार की दरगाह
छोटे सरकार और बड़े सरकार यह 12 भाइयों की मजार है हजरत सुल्तान आफरीन साहब जिन्हे हम बड़े सरकार के रूप में जानते हैं
हजरत बदरुद्दीन को छोटे सरकार के रूप में जानते हैं
यह अपने जमाने की काफी पहुंचे हुए सूफी संत थेआज भी उनकी मजार पर जो भी माथा देखता है उन्हें बहुत ही ज्यादा फायदा होता है यहां पर हर मुजफ्फर लोग जाते हैं और फायदा होता है
जामा मस्जिद
यह जो मस्जिद बनी हुई है ना वह अफगान और फारसी शैली पर बनी हुई है
इसमें तीन प्रवेश द्वार हैं इसकी ऊंचाई 100 फीट है
बदायूं फोर्ट या बदायूं का किला
इस किला का निर्माण सन 1690 में हुआ था
यह किला नबाब एखलाख खान ने अपनी पत्नी की याद में बनवाया था
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